सोमवार का दिन क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों के लिए ब्लैक मंडे के तौर पर सामने आया। 

क्रिप्टो बाजार में ऐसा भूचाल आया, जिसकी भरपाई हाल फिलहाल होना संभव नहीं दिखता।  

दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन का दाम 12.02 फीसदी या 2,73,718 रुपये कम होकर 20,03,985 के निचले स्तर पर पहुंच गई। 

इसका बाजार पूंजीकरण भी बुरी तरह टूटकर 37.6 ट्रिलियन रुपये रह गया है।  

बिटक्वाइन के साथ ही दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम के निवेशकों को भी सोमवार के दिन भारी घाटा उठाना पड़ा है। 

इस डिजिटल करेंसी के दाम में खबर लिखे जाने तक 16 फीसदी की गिरावट आ चुकी थी  

इस गिरावट के बाद इथेरियम की वैल्यू कम होकर 1,02,121 रुपये रह गई 

इसके साथ ही इस कीमत पर इसका बाजार पूंजीकरण भी घटकर 12.6 ट्रिलियन रुपये पर पहुंच गया। 

सोमवार को क्रिप्टो बाजार में आई जोरदार गिरावट के बीच सिर्फ टेथर क्वाइन ही बढ़त में दिखाई दिया। 

इनके अलावा शीबा इनू 13.34 फीसदी, डॉग कॉइन 18.53, वजीरेक्स 15.97 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। 

अमेरिका द्वारा 40 साल की उच्च मुद्रास्फीति रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरंसी के बाजार में गिरावट काफी तेज हो गई है। 

क्रिप्टोकरेंसी ऋणदाता फर्म सेल्सियस नेटवर्क ने खाताधारकों के क्रिप्टो की निकासी और उन्हें दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है।  

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि क्रिप्टो नियमन के दायरे में नहीं है जिसकी वजह से इसमें निवेश करने वाले पूंजी डूबने पर खुद जिम्मेदार होंगे। 

दास का कहना है कि भारत में सबसे बड़ी चिंता उन छोटे निवेशकों के लिए है जो 500 से दो हजार रुपये इसमें लगाते हैं।

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