जब भी किसी स्टॉक के बड़े प्रतिशत का लॉक-इन समाप्त होता है तो वे निवेशक अपने शेयर्स को बेच सकते हैं.
ऐसे में यदि निवेशक उस शेयर को बेचना शुरू कर दें तो बड़ी गिरावट आ सकती है. परंतु यह जरूरी नहीं कि निवेशक अपने शेयर बेच ही दें.
मनीकंट्रोल की एक खबर के मुताबिक, इनगवर्न के संस्थापक और एमडी श्रीराम सुब्रमण्यम ने कहा, ‘इस कंपनी में कोई प्रमोटर नहीं है.
स्थापकों सहित सभी शेयरधारकों की इसमें 77.87 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
इक्विनॉमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरीग्राम के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, “खुदरा निवेशकों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण है कि पीई/वीसी निवेशक किस कीमत पर आए हैं
अगर जोमैटो के शेयरों का उनका खरीद मूल्य मौजूदा कीमत से बहुत कम था, तो वे मंदी की स्थिति में बाजार में मुनाफावसूली करना चाहेंगे.
उन्होंने कहा, “चूंकि कई निवेशकों के लिए शेयर खरीदने की लागत बहुत कम थी, जिससे उन्हें मुनाफावसूली करने का मौका मिलेगा.
इसलिए, मेरा मानना है कि 23 जुलाई के बाद स्टॉक के नीचे जाने की अधिक संभावना है.”
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